कवितायें मेरी स्वरचित और मौलिक कवितायें आप यहाँ पढ़ सकते हैं। मुझे कुछ करना है मुझे कुछ करना है यह तुम ही हो रूको नहीं चलते रहो करूँ कुछ मैं भी बनूं कुछ मैं भी अपनी ही धुन में अपनी ही धुन में - 2 चलते रहो राही !रास्ता और मंजिलक्योंसंभल जा ओ राही नक़ल प्रथा जीवन और मंजिलजीवन की उलझनएक इंसानज़रा नियामत और बरसा देप्रकाश की चाहकिसी एक की तलाश मेंअंधेराईगोयह तुम ही हो
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