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कवितायें ( अब तक प्रकाशित सभी कविताएं )
कवितायें ( अब तक प्रकाशित सभी कविताएं )
Vijay Kumar Bohra
April 16, 2020
कवितायें
मेरी स्वरचित और मौलिक कवितायें आप यहाँ पढ़ सकते हैं।
मुझे कुछ करना है मुझे कुछ करना है
यह तुम ही हो
रूको नहीं चलते रहो
करूँ कुछ मैं भी बनूं कुछ मैं भी
अपनी ही धुन में
अपनी ही धुन में - 2
चलते रहो राही !
रास्ता और मंजिल
क्यों
संभल जा ओ राही
नक़ल प्रथा
जीवन और मंजिल
जीवन की उलझन
एक इंसान
ज़रा नियामत और बरसा दे
प्रकाश की चाह
किसी एक की तलाश में
अंधेरा
ईगो
यह तुम ही हो
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