VIJAY KUMAR BOHRA ' s BLOG
मन में उठने वाले भावों को लिपिबद्ध करने का एक लघु प्रयास
मन में उठने वाले भावों को लिपिबद्ध करने का एक लघु प्रयास
मेरी दुनिया है तुझमें कहीं - 3 अब तक आपने पढ़ा, सनाया का CAT क्लियर हो गया था। आगे उसे MBA करना था। लेकिन उसके पापा चाह…
Read moreमर्डर ऑन वेलेंटाइन नाइट - 2 करीब 9.30 बजे रागिनी डिटेक्टिव साकेत अग्निहोत्री के बंगले में प्रविष्ट हुई। " वेलकम…
Read moreमेरी दुनिया है तुझमें कहीं - 2 पिछले भाग में आपने पढ़ा, सनाया का CAT क्लियर हो गया था। आगे उसे MBA करना था। लेकिन उसके …
Read moreमर्डर ऑन वेलेंटाइन नाइट - 1 आर्ट्स कॉलेज की तीन लड़कियाँ रहस्यमयी ढंग से अचानक लापता हो गई। इनमें से एक की लाश यूनिवर…
Read moreमेरी दुनिया है तुझमें कहीं - 1 सनाया आज बहुत खुश थी। उसका CAT का रिजल्ट आ गया था और उसका CAT क्लियर भी हो गया था। उसे प…
Read moreबात उन दिनों की है, जब हंसमुख अमेरिका में रहकर एक कार रिपेयरिंग कंपनी में काम कर रहे थे। वैसी कंपनियों को हमारे देश म…
Read moreहंसमुख यादव का असली नाम तो कुछ और ही था। लेकिन अपने हास्य विनोद प्रिय स्वभाव के कारण लोगो ने उनको हंसमुख कहना शुरू कर …
Read moreबुरा नहीं है सपने देखना। नहीं, बिल्कुल भी नहीं। बुरा है, सपने देखते ही रहना। नहीं करना कोशिश, उनको पूरा करने की…
Read more“नहीं!” - मारे आतंक और भय के अपनी पूरी ताकत लगाकर चिल्लाते हुए बोल रहा था रॉकी - “मुझे नीचे मत फेंको। मेरे पिता इंस्पेक…
Read moreरहस्यमयी प्रतिमा Ch - 1 श्रद्धा और दक्ष रहस्यमयी प्रतिमा Ch - 2 कल रात की घटना रहस्यमयी प्रतिमा Ch - 3 दो घटनाएं रहस्…
Read moreरॉकी ने अपनी पॉकेट से मोबाइल निकालकर उसमें समय देखा। तीन बजकर तीस मिनट हो रहे थे। “पता नहीं ये किस मुसीबत में फंस गया …
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