हर वक्त सोचता हूं तुझे
हर वक्त याद करता हूं।
मिल जाए मुझको
कोहिनूर ये मेरा
रब से बस
यही फरियाद करता हूं।
जागते हुए सोता हूं
सोते में जागता हूं।
तलाश में तेरी
जाने कहां कहां भागता हूं।
मिल जायेगी
खुदा ने चाहा तो इसी जनम में
नहीं तो
अगले का इंतजार करता हूं।
* विजय कुमार बोहरा
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