अपनी मंजिल की ओर बढते राही के प्ेम और कर्तव्य के बीच अंतर्द्वंद को दर्शाती शानदार प्रेम कविता अब YouTube पर देखें।
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हिन्दी प्रेमी
आ गया फिर से हिन्दी दिवस उपेक्षित! अनादृत! हिन्दी भाषा को गौरव दिलाने का दिन! वही दिन जब बहुतेरे आंग्ल भाषी भारतीय सप्रयास बोलेंगे हिन्दी...
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भारत देश के पहले उप राष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस के अवसर पर हर साल 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस मनाया ज...
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सालों पहले हुए थे तैयार रेंगने को। क्यों ? क्यों ना होते ! सब कोई होते है , उम्र के एक पड़ाव में। उस दौर में , जबकि , असंभव सपनों को संभव करन...
आदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद मंच पर 'सोमवार' २८ मई २०१८ को साप्ताहिक 'सोमवारीय' अंक में लिंक की गई है। आमंत्रण में आपको 'लोकतंत्र' संवाद मंच की ओर से शुभकामनाएं और टिप्पणी दोनों समाहित हैं। अतः आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/
जवाब देंहटाएंटीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'सोमवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।
आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
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