बुधवार, 6 नवंबर 2024

रहस्यमयी प्रतिमा ( भाग - 8 ) - उड़ने वाले इंसान का लाइव फुटेज

 

“ ये उड़ने वाले इंसान का क्या मैटर है ? “ - कॉलेज कैंटिन में एक चेयर पर बैठे सूरज ने विशाल से पूछा - “ जिसे देखो, उसी के बारे में बातें कर रहा है! “

“ तुझे नहीं मालूम ? “ - आश्चर्य में डूबा विशाल बोला। 

“ नहीं मालूम। तभी तो पूछ रहा हूँ। “ - हाथ में थमे कप से चाय सिप करते हुए सूरज बोला। 

“ अरे, कमाल करते हो! सारे शहर में जिसकी चर्चा हॉट टॉपिक बना हुआ है, हर दस मिनट में टेलीविजन पर जिस घटना को ब्रेकिंग न्यूज़ बताकर दिखाया जा रहा है, उसके बारे में तुमको नहीं मालूम! “

“ भई, अब सस्पेंस बढ़ाना बंद करके बताओगे भी कि आखिर ये मामला क्या है ? “

“ बताता हूँ ना। “ - बोलते हुए विशाल ने कप में बची हुई चाय का आखिरी घूँट भरा और कप को मेज पर रखकर अपने जीन्स की पॉकेट से मोबाइल निकाला। 

जल्द ही विशाल की अंगुलियाँ मोबाइल स्क्रीन पर शिरकत करते हुए उसका स्क्रीन लॉक खोलने लगी। 

इसके बाद विशाल ने यू ट्यूब ओपन किया और एक न्यूज़ चैनल पर लाइव न्यूज़ चला दी। 

“ ये देखो! “ - बोलते हुए उसने मोबाइल सूरज के हाथ में दिया। 

वह शहर का लोकल न्यूज चैनल था। शहर में होने वाली घटनाएँ ही उस पर प्रमुखता से दिखाई जाती थी। 

इस समय उस चैनल पर एक ही न्यूज़ बार बार दिखाई जा रही थी। 

न्यूज़ एंकर बोल रही थी - “ अब एक नजर खास खबर पर। कल रात शहर में उड़ने वाला इंसान देखा गया।…जी हाँ, बिल्कुल सही सुना आपने। एक उड़ने वाला इंसान! आपको यह कपोल कल्पना या कोरी गप्प लग सकती है, लेकिन असल मे ऐसा है नहीं और यह साबित करता है, वह लाइव फुटेज, जो हमारे जांबाज पत्रकारों के द्वारा उस समय रिकॉर्ड किया गया, जबकि ये हैरतअंगेज घटना हो रही थी। “

“ सारे न्यूज़ चैनल यही दावा कर रहे हैं कि इस उड़ने वाले इंसान का लाइव फुटेज उन्हीं के पत्रकारों द्वारा रिकॉर्ड किया गया, लेकिन किसी रिपोर्टर का नाम अभी तक सामने नहीं आया है। “ - विशाल बीच में ही बोल उठा - “ कोई भी नहीं जानता कि ये फुटेज रिकॉर्ड किसने की और इसीलिए सारे न्यूज़ चैनल इसका क्रेडिट खुद ही ले रहे हैं। “

सूरज ने विशाल की बात कुछ सुनी, कुछ नहीं भी सुनी। क्योंकि वह तो बेसब्री से उस घटना का लाइव फुटेज दिखाये जाने का इंतजार कर रहा था। 

जल्द ही उसके इंतजार की घडी खत्म हुई और फुटेज दिखाया जाना शुरू हुआ। बैकग्राउंड में न्यूज़ एंकर के बोलने की आवाज भी आ रही थी। 

“ यह शहर के महेश रोड़ पर स्थित यूनियन बैंक के बाहर का दृश्य है। आप देख सकते है, इसमें एक इंसान उड़ता हुआ दिख रहा है और वह अकेला नहीं है। उसने अपने हाथों में दो व्यक्तियों को उठा रखा है। इस उड़ते इंसान की तरफ इन व्यक्तियों की पीठ है और इनकी शर्ट को उसने एक एक हाथ से पकडा हुआ है। “ 

फुटेज दिखाने के बाद चैनल स्क्रीन पर फिर से न्यूज़ एंकर प्रकट हुई - “ जैसा कि आपने देखा उड़ते इंसान ने दो व्यक्तियों का गिरेबान पकड़ रखा था। हम ये तो नहीं पता लगा सके कि वह उड़ता इंसान कौन था। लेकिन जिन दो व्यक्तियों को उसने पकड़ रखा था, उनके बारे में घटना स्थल के कुछ प्रत्यक्षदर्शियों से हमें थोड़ी बहुत जानकारी मिली है।… तो अब हम आपको लिए चलते हैं, घटना स्थल पर उपस्थित रहे उन लोगों के पास, जो खुद वहाँ मौजूद थे और जिन्होंने सब कुछ अपनी आँखों से देखा। “

इसके बाद चैनल स्क्रीन पर फिर से दृश्य बदला। 

अब न्यूज़ एंकर अपने संवाददाता से संपर्क स्थापित कर घटना का आँखों देखा हाल लेने लगी। 

संवाददाता के हाथ में माइक था, जिसका रुख उसने घटना के एक प्रत्यक्ष दर्शी की ओर कर रखा था। वह कोई 27 साल का एक लड़का था। 

“ सबसे पहले आप अपना नाम बताइये। “ - संवाददाता ने माईक का रुख उस व्यक्ति की ओर करते हुए कहा। 

“ रमेश। “ - नाम बताते हुए वह बोला। 

“ कल रात इसी इलाके में एक उड़ता हुआ इंसान देखा गया। “ - अपने अगले सवाल की भूमिका बाँधते हुए संवाददाता बोला - “ आप कुछ जानते है इस बारे में ? “

“ जानूंगा कैसे नहीं। मैं खुद मौजूद था उस वक्त यहाँ। “ 

“ अच्छा! तो क्या आप हमारे दर्शकों को बतायेंगे कि कल रात क्या देखा आपने ? “

“ भूल तो जाना चाहता हूँ कल रात की उस खौफनाक घटना को। “ - रमेश बोला - “ लेकिन, टीवी पर आने का ये सुनहरा मौका जिंदगी में फिर कभी मिले, न मिले। इसीलिए बताता हूँ। “

उड़ने वाले इंसान को अपनी आँखों से प्रत्यक्ष देखने वाले रमेश ने बताना शुरू किया - “ मैं यहीं पास के ही एक मकान में रहता हूँ। कल रात अचानक ही मुझे बड़े जोर की आवाज सुनाई दी। बिल्कुल वैसी ही आवाज, जैसी कि किसी रिवॉल्वर से फायर करने पर आती है। उस समय में सोया हुआ था और उस आवाज के कारण मेरी आँख खुल गई। वॉल क्लॉक में उस समय दो बज रहे थे। जिज्ञासा वश मैंने अपने घर की खिड़की से बाहर देखा तो मुझे आकाश में यूनियन बैंक की बिल्डिंग के ठीक सामने उड़ते हुए तीन व्यक्ति दिखाई दिए। पहले तो मुझे लगा कि कहीं वे कोई भूत - पिशाच तो नहीं! पर ध्यान से देखने पर समझ आया कि आकाश में उड़ने वाला इंसान तो एक ही था। उसने दो इंसानों को अपने हाथों में पकड़ रखा था और इसके बाद जो मैंने देखा, वो मेरी जिन्दगी का सबसे खौफनाक मंजर था। “

बोलते बोलते रमेश थोड़ा हाँफने लगा था। उसके दिल धड़कन तेज हो गई थी और घबराहट के कारण उसके चेहरे पर पसीने की बूँदे छलक आई थी। 

“ क्या देखा आपने ? “ - उत्सुकता वश पूछा संवाददाता ने। 

उन दोनों को ही उस उड़ने वाले इंसान ने आकाश से नीचे फेंक दिया और…और धड़ाम की तेज आवाज के साथ ही वे नीचे आ गिरे। “

“ फिर ? “

“ इतनी ऊँचाई से गिरने की वजह से शायद उनको बहुत ज्यादा चोटें आई थी। वे जोर से चीख चिल्ला रहे थे। मैंने आकाश की तरफ देखा तो वह उड़ने वाला इंसान आकाश में ठीक उसी तरह खड़ा था, जैसे कि हम जमीन पर खड़े होते हैं। ध्यान से देखने पर मुझे समझ आया कि उसने काले रंग के वस्त्र पहने हुए थे और उसकी पीठ पीछे काले रंग का ही लबादा लहरा रहा था। उसका चेहरा भी नकाब के पीछे छिपा हुआ था। इसके बाद मेरा ध्यान फिर से जमीन पर गिरकर लगातार कराह रहे उन दोनों व्यक्तियों की ओर गया। वे बहुत कष्ट में थे और मैं उनकी मदद करना चाहता था। लेकिन मुझे डर था कि अगर मैंने ऐसा करने की कोशिश भी की तो उड़ने वाला इंसान मुझ पर भी हमला ना कर दे। उसी समय पता नहीं कहाँ से एक पुलिस जीप आई और उनके पास ही आकर रुक गई। बस इसके बाद मैंने खिड़की बंद कर दी और फिर से सोने की कोशिश करने लगा। “ 

“ जानकारी हमारे दर्शकों के साथ साझा करने के लिए शुक्रिया मिस्टर रमेश! “ - रमेश का धन्यवाद करने के बाद संवाददाता दर्शकों से मुखातिब हुआ - “ तो ये था उड़ने वाले इंसान को अपनी आँखों से देखने वाले प्रत्यक्ष दर्शी रमेश का बयान। “

“ ये कैसे हो सकता है! “ - पूरी न्यूज़ देखने के बाद सूरज बोला - “ कोई इंसान उड़ कैसे सकता है! “

“ यही तो मिस्ट्री है मेरे दोस्त ! “ - विशाल बोला - “ है ना अजीब बात! तभी तो पूरे शहर में आज सिर्फ इसी उड़ने वाले इंसान की बातें हो रही है। “






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