वक्त सबका आता है
कभी हंसाता
कभी रुलाता है।
होते हैं कुछ लोग
व्यस्त बहुत
या करते हैं दिखावा
व्यस्तता का।
होता है वक्त
हर एक के पास
अपने अजीजो के लिए।
नहीं है अगर
किसी के पास
तो समझ लो
नहीं है वो कोई
आपका अपना
ना ही अजीज।
वक्त सबका आता है
कभी हंसाता
कभी रुलाता है।
होते हैं कुछ लोग
व्यस्त बहुत
या करते हैं दिखावा
व्यस्तता का।
होता है वक्त
हर एक के पास
अपने अजीजो के लिए।
नहीं है अगर
किसी के पास
तो समझ लो
नहीं है वो कोई
आपका अपना
ना ही अजीज।
8 Comments
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 29 मई 2025 को लिंक की जाएगी ....
ReplyDeletehttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!
!
हार्दिक आभार
Deleteसबका अपना-अपना
ReplyDeleteवक्त का पैमाना ।
जी सही है।
Deleteसही कहा
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद।
Deleteजो वक्त की क़ीमत जानता है, वही प्रेम की भी जान सकता है
ReplyDeleteजी सही कहा।
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